आँखों में ख्वाब तेरे -शिक़वा शायरी
ज़ीना मुहाल कर रखा है,मेरी इन आँखों ने,खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे ।
शिक़वा शायरी
By Admin
October 31, 2021
ज़ीना मुहाल कर रखा है,मेरी इन आँखों ने,खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे ।
शिक़वा शायरी
तुम बस उलझे रह गए हमें आजमाने में,और हम हद से गुजर गए तुम्हें चाहने में। - शिक़वा शायरी
तुझसे दूरियां तो मिटा दूँ मैं - एक पल में मगर,कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते। शिक़वा शायरी
फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना,कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं। शिक़वा शायरी
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है।। शिक़वा शायरी
किस बात की शिकायत ( एडमिन द्वारा दिनाँक 17-04-2016 को प्रस्तुत )जाने किस बात की उनको शिकायत है मुझसे,नाम तक जिनका नहीं है मेरे अफ़साने में। - शिक़वा शायरी
क्यों ऐसे खोये खोये( प्रीत द्वारा दिनाँक 02-01-2016 को प्रस्तुत )तुम क्यों ऐसे खोये खोये रहते हो,तुम क्यों ऐसे गुमसुम से रहते हो,कौन सा ग़म है तुम्हें जो सबसे छिपाते हो,किसलिए हर बात पर अपना...