आग चाहत की -लव शायरी
नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
लव शायरी
By Admin
October 31, 2021
नजर से क्यूँ जलाते हो आग चाहत की,जलाकर क्यूँ बुझाते हो आग चाहत की,सर्द रातों में भी तपन का एहसास रहे,हवा देकर बढ़ाते हो आग चाहत की।
लव शायरी
सावन की बूंदों में झलकती है उनकी तस्वीर,आज फिर भीग बैठे हैं उन्हें पाने की चाहत में। लव शायरी
बेताब सा रहने की आदत सी पड़ गई,दिल में उनके प्यार की खुशबू बिखर गई,आँखों से गुजरे थे वो एक ख्वाब की तरह,उनकी हसीं सूरत मेरे दिल में उतर गई। - लव शायरी
कतरा कतरा मैं( प्रसून द्विवेदी द्वारा दिनाँक 29-10-2016 को प्रस्तुत )कतरा-कतरा मैं बहकता हूँतिनका-तिनका मैं बिखरता हूँ,रोम-रोम तू महकता है,जर्रा-जर्रा मैं तुझमें पिघलता हूँ। - लव शायरी
हमारे आँसू पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,इसी अदा से वो मेरे दिल को चुराते हैं,हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,बस इसी उम्मीद में खुद को रुलाते हैं। - लव शायरी
तेरी आँखों में( एडमिन द्वारा दिनाँक 03-11-2016 को प्रस्तुत )तेरी आँखों में जब से मैंनेअपना अक्स देखा है,मेरे चेहरे को कोई आइनाअच्छा नहीं लगता। - लव शायरी
तेज बारिश में कभी सर्द हवाओं में रहा,एक तेरा ज़िक्र था जो मेरी सदाओं में रहा,कितने लोगों से मेरे गहरे रिश्ते थे मगर,तेरा चेहरा ही सिर्फ मेरी दुआओं में रहा। - लव शायरी