इश्क़ में छटपटाना -इश्क़ शायरी
मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद,वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी ।
इश्क़ शायरी
By Admin
October 31, 2021
मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद,वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी ।
इश्क़ शायरी
अनजान सी राहों पर( एडमिन द्वारा दिनाँक 04-10-2015 को प्रस्तुत )अनजान सी राहों पर चलने का तजुर्बा नहीं था, इश्क़ की राह ने मुझे एक हुनरमंद राही बना दिया। - इश्क़ शायरी
यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहा,कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से । - इश्क़ शायरी
जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले,दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले। - इश्क़ शायरी
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहेब,जिसकी आँखों में इश्क रोता हो। इश्क़ शायरी
खिड़की से झांकता हूँ मै( पंकज कुमार द्वारा दिनाँक 30-06-2015 को प्रस्तुत )खिड़की से झांकता हूँ मै,सबसे नज़र बचा करबेचैन हो रहा हूँ,क्यों घर की छत पे आ करक्या ढूँढता हूँ,जाने क्या चीज खो गई...
तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है,एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है,यूँ तो नींद नहीं आती हमें रात भर,मगर सोते-सोते जागना और,जागते-जागते सोना ही इश्क़ है। इश्क़ शायरी