उदासी ठहर गयी -उदासी शायरी
ख़ाली नहीं रहा कभीआँखों का ये मकान,सब अश्क़ निकल गयेतो उदासी ठहर गयी।
उदासी शायरी
By Admin
October 31, 2021
ख़ाली नहीं रहा कभीआँखों का ये मकान,सब अश्क़ निकल गयेतो उदासी ठहर गयी।
उदासी शायरी
मुद्दत गुजर गई कि यह आलम है मुस्तक़िल,कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है। उदासी शायरी
उदास न कर( एडमिन द्वारा दिनाँक 16-11-2018 को प्रस्तुत )पतझड़ की कहानियाँसुना-सुना के उदास न कर,नए मौसमों का पता बता,जो गुज़र गया सो गुज़र गया। - उदासी शायरी
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है,मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है,कैसी उदास है जिंदगी - बिन तेरे - हर लम्हा,मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता...
ऐ नए साल बता कि तुझमें नया क्या है,हर तरफ खल्क ने क्यूँ शोर मचा रखा है। उदासी शायरी
उदास हूँ पर तुझसे नाराज नहीं,तेरे दिल में हूँ पर तेरे साथ नहीं,झूठ कहूँ तो सब कुछ है मेरे पास,और सच कहूँ तो एक तेरे सिवाकुछ भी ख़ास नहीं। - उदासी शायरी
बताओ है कि नहीं मेरे ख्वाब झूठे,कि जब भी देखा तुझे अपने साथ देखा। - उदासी शायरी