उम्मीदों के मुकाम -सैड शायरी
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,वो हर बार दिल तोड़ता है ये कह कर,मेरी उम्मीदों के अभी मुकाम बहुत हैं।
सैड शायरी
By Admin
October 31, 2021
चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,वो हर बार दिल तोड़ता है ये कह कर,मेरी उम्मीदों के अभी मुकाम बहुत हैं।
सैड शायरी
घायल कर के मुझे उसने पूछा,करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे...?लहू-लहू था दिल मगरहोंठों ने कहा...बेइंतहा...बेइंतहा। - सैड शायरी
उसकी आँखों से भी बरसता है सावन अब,मेरे भी चेहरे पर भी उदासियों के जंगल है। सैड शायरी
सिखा दी बेरुखी भी तुम्हें ज़ालिम ज़माने ने,कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आजमाते हो। - सैड शायरी
मालूम था कि मेरी साँसे मेरी ना थीं कभी,बस इक शौक था उसके साथ जीने का। सैड शायरी
मुझ से नाराज़ है( एडमिन द्वारा दिनाँक 25-03-2015 को प्रस्तुत )मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,ऐ ज़िन्दगी...मुझे रोज़ रोज़ तमाशा न बनाया कर। - सैड शायरी
रह जाएगी ख्वाहिश( नियति द्वारा दिनाँक 08-03-2018 को प्रस्तुत )रह जाएगी दिल में एक कसक सारी उम्र,रह जाएगी ज़िन्दगी में तेरी कमी सारी उम्र,कट तो जायेगा यह ज़िन्दगी का सफर लेकिन,रह जाएगी ख्वाहिश तुझे पाने...