ऐसे तो गम नहीं मिले -ग़म शायरी
ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले,तुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिले,एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है,जिनको न सह सके ये दिल, ऐसे तो गम नहीं मिले।
ग़म शायरी
ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले,तुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिले,एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है,जिनको न सह सके ये दिल, ऐसे तो गम नहीं मिले।
ग़म शायरी