कभी धूप दे -जिंदगी शायरी
कभी धूप दे - कभी बदलियाँ,दिलो जान से दोनों क़बूल हैं,मगर उस नगर में न कैद कर,जहाँ जिंदगी की हवा न हो।
जिंदगी शायरी
By Admin
October 31, 2021
कभी धूप दे - कभी बदलियाँ,दिलो जान से दोनों क़बूल हैं,मगर उस नगर में न कैद कर,जहाँ जिंदगी की हवा न हो।
जिंदगी शायरी
गुजर गयी जिंदगी( एडमिन द्वारा दिनाँक 21-10-2016 को प्रस्तुत )अजीब तरह से गुजर गयी मेरी जिंदगी,सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ। - जिंदगी शायरी
ज़िन्दगी हर हाल में एक मुकाम माँगती है,किसी का नाम तो किसी से ईमान माँगती है,बड़ी हिफाजत से रखना पड़ता है दोस्त इसे,रूठ जाए तो मौत का सामान माँगती हैं। - जिंदगी शायरी
शम्मा परवाने को जलना सिखाती है,शाम सूरज को ढलना सिखाती है,क्यों कोसते हो पत्थरों को जबकि - ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं। जिंदगी शायरी
जीत भी मेरी( दीपक सरोहा द्वारा दिनाँक 26-09-2018 को प्रस्तुत )जीत भी मेरी और हार भी मेरी,तलवार भी मेरी और धार भी मेरी,ज़िन्दगी ये मेरी कुछ यूं सवार है मुझ पर,डूबी भी मेरी और पार...
कभी बनती थी तोकभी बिगड़ कर बैठ जाती थी,तेरे साथ जैसी भी थी जिंदगीजिंदगी जैसी तो थी। - जिंदगी शायरी
मौत से कैसा डर... मिनटों का खेल है,आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है। - जिंदगी शायरी