कभी मुर्गा तो कभी बत्तख – फनी शायरी
कभी मुर्गा तो कभी बत्तख बना देता है,
पता नहीं ये मास्टर मुझसे किस बात का बदला लेता है।- फनी शायरी
By Admin
May 4, 2020
कभी मुर्गा तो कभी बत्तख बना देता है,
पता नहीं ये मास्टर मुझसे किस बात का बदला लेता है।- फनी शायरी
आसमान जितना नीला है,सूरजमुखी जितना पिला है,पानी जितना गीला है,आपका स्क्रू उतना ही ढीला है। फनी शायरी
एक बेवफा की याद में हम कुछ ख़ास हो गए,पहले हम लोटा थे पर अब गिलास हो गए। - फनी शायरी
मेरी सांसो में जो समाया( एडमिन द्वारा दिनाँक 04-02-2015 को प्रस्तुत )मेरी सांसो में जो समाया बहुत लगता है,वही शख्स मुझे पराया भी बहुत लगता है,उनसे मिलने की तमन्ना तो बहुत है मगर,आने-जाने में किराया...
तेरा प्यार भी हजार की नोट जैसा है,डर लगता है कहीं नकली तो नहीं । फनी शायरी
आँखों से आसुओं की( एडमिन द्वारा दिनाँक 04-02-2015 को प्रस्तुत )आँखों से आसुओं की विदाई कर दो,दिल से ग़मों की जुदाई कर दो,गर फिर भी दिल न लगे कही,तो मेरे घर की पुताई कर दो...।...
चारपाई में खटमल( एडमिन द्वारा दिनाँक 26-11-2016 को प्रस्तुत )इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम,वस्ल का दिल से मेरे अरमान रुख़्सत हो गया। - फनी शायरी