कलम के कीड़े हैं -दो लाइन शायरी
कलम के कीड़े हैं हम जब भी मचलते हैं,खुरदुरे कागज पे रेशमी ख्वाब बुनते हैं।
दो लाइन शायरी
By Admin
October 31, 2021
कलम के कीड़े हैं हम जब भी मचलते हैं,खुरदुरे कागज पे रेशमी ख्वाब बुनते हैं।
दो लाइन शायरी
हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये,बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये। - दो लाइन शायरी
किसकी मजाल थी जो हमको खरीद सकता था ।हम तो खुद ही बिक गए हैं खरीदार देख कर..।। दो लाइन शायरी
बहुत नायब होते हैं जिन्हें हम अपना कहते हैं - चलो तुमको इज़ाजत है कि तुम अनमोल हो जाओ ।। दो लाइन शायरी
मोहब्बत के काफिले को कुछ देर तो रोक लो,आते हैं हम भी पाँव से... कांटे निकाल कर। - दो लाइन शायरी
आसान नही है हमसे यूँ शायरिओं में जीत पाना,हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते है। दो लाइन शायरी
परवाने को शमाँ पर( एडमिन द्वारा दिनाँक 16-11-2015 को प्रस्तुत )परवाने को शमा पर जल कर कुछ तो मिलता होगा,सिर्फ मरने की खातिर तो कोई प्यार नहीं करता । - दो लाइन शायरी