चाँद कहता रहा -तारीफ़ शायरी
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा,चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ - मैं चाँद हूँ - ।
तारीफ़ शायरी
By Admin
October 31, 2021
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा,चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ - मैं चाँद हूँ - ।
तारीफ़ शायरी
हम तो अल्फाज़ ही ढूढ़ते रह गए,और वो आँखों से गज़ल कह गए। तारीफ़ शायरी
घनी जुल्फों के साये में चमकता चाँद सा चेहरा,तुझे देखूं तो कुछ रातें सुहानी याद आती हैं। तारीफ़ शायरी
बड़ा ही दिलकश अंदाज है तुम्हारा,जी करता है की फनाह हो जाऊं ।-------------------------------------- महक रही है जिंदगी आज भी जिसकी खुशबू से,वो कौन था जो यूँ गुजर गया मेरी यादों से। तारीफ़ शायरी
लोग कहते हैं जिन्हें नील कंवल वो तो क़तील,शब को इन झील सी आँखों में खिला करते है। - तारीफ़ शायरी
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,काश कि हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता। - तारीफ़ शायरी
क़यामत की शोख़ियाँ( एडमिन द्वारा दिनाँक 15-09-2016 को प्रस्तुत )दिल में समा गई हैं क़यामत की शोख़ियाँ,दो-चार दिन रहा था किसी की निगाह में। - तारीफ़ शायरी