चारपाई में खटमल -फनी शायरी
इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम,वस्ल का दिल से मेरे अरमान रुख़्सत हो गया।
फनी शायरी
By Admin
October 31, 2021
इस क़दर था खटमलों का चारपाई में हुजूम,वस्ल का दिल से मेरे अरमान रुख़्सत हो गया।
फनी शायरी
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,एक बार हमारे पास आकर तो देखो,मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो। फनी शायरी
वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते हैं,वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते हैं,ये तो उनके बच्चे ही कम्बख्त हैं,जो हमें मामा-मामा बुलाते है। फनी शायरी
कितना शरीफ शख्श है वीवी पे फ़िदा है,उस पे ये कमाल है कि अपनी पे फ़िदा है। - फनी शायरी
मरना हैं तो मरो अपने वतन के लिये,क्यों मरतें हो एक दुल्हन के लिये,इश्क के गलियों में खींचकर मारे जाओगे,कोई चन्दा भी ना देगा कफन के लिये। - फनी शायरी
दिल दो किसी एक को और वो भी किसी नेक को,मंदिर का प्रसाद नहीं - जो बांट दो हर एक को। फनी शायरी