जख्म की फ़िक्र -दर्द शायरी
टूटे हुए सपने को सजाना आता है,रूठे हुए दिल को मनाना आता है,उसे कह दो हमारे जख्म की फ़िक्र न करे,हमें दर्द में भी मुस्कुराना आता है।
दर्द शायरी
By Admin
October 31, 2021
टूटे हुए सपने को सजाना आता है,रूठे हुए दिल को मनाना आता है,उसे कह दो हमारे जख्म की फ़िक्र न करे,हमें दर्द में भी मुस्कुराना आता है।
दर्द शायरी
आदत के बाद दर्द भी देने लगा मज़ा,हँस-हँस के आह-आह किये जा रहा हूँ मैं। दर्द शायरी
दर्द में जीने की हमें आदत कुछ ऐसी पड़ी,कि अब दर्द ही अपना हमदर्द लगने लगा। दर्द शायरी
हर ज़ख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है,मेरी ज़िन्दगी की बस यही एक कहानी है,मिटा देते सनम तेरे हर दर्द को सीने से,पर ये दर्द ही तो तेरी आखिरी निशानी है। दर्द शायरी
लफ्जों की हिफाजत( रवि कुमार द्वारा दिनाँक 30-06-2017 को प्रस्तुत )जो दो लफ्जों की हिफाजत न कर पाए,उनके हाथों में जिंदगी की किताब क्या देता। - दर्द शायरी
दर्द कम हुआ( युवराज द्वारा दिनाँक 01-04-2017 को प्रस्तुत )धीरे धीरे से अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,ना तेरे आने के खुशी ना तेरे जाने का गम हुआ,जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारे प्यार...
दिल के पहलू में एक दर्द सा पाने लगे,जब अपने ही बेगाने से नजर आने लगे। दर्द शायरी