जीत भी मेरी – जिंदगी शायरी
जीत भी मेरी और हार भी मेरी,
तलवार भी मेरी और धार भी मेरी,
ज़िन्दगी ये मेरी कुछ यूं सवार है मुझ पर,
डूबी भी मेरी और पार भी मेरी।- जिंदगी शायरी
By Admin
May 4, 2020
जीत भी मेरी और हार भी मेरी,
तलवार भी मेरी और धार भी मेरी,
ज़िन्दगी ये मेरी कुछ यूं सवार है मुझ पर,
डूबी भी मेरी और पार भी मेरी।- जिंदगी शायरी
खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,ज़रा सी बात देर तक रूलाती रही, - जिंदगी शायरी
चूम लेता हूँ हर मुश्किल को अपना मान कर मैं,क्यूँकि ज़िन्दगी कैसी भी है... है तो मेरी ही। - जिंदगी शायरी
ज़िन्दगी का हसीं पल( एडमिन द्वारा दिनाँक 19-11-2015 को प्रस्तुत )यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है,जिसमें न तो आज और न ही कल है,जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह,जैसे बस...
ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म( एडमिन द्वारा दिनाँक 27-02-2019 को प्रस्तुत )ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म थी और कुछ नहीं,ये मेरा ही हौंसला है की दरम्यां से गुज़र गया। - जिंदगी शायरी
चेहरे की हँसी से गम को भुला दो,कम बोलो पर सब कुछ बता दो,खुद ना रूठो पर सबको हँसा दो,यही राज है ज़िन्दगी का...जियो और जीना सिखा दो। - जिंदगी शायरी
ज़िन्दगी का हसीन सफर( एडमिन द्वारा दिनाँक 10-12-2017 को प्रस्तुत )सफर ज़िन्दगी का बहुत ही हसीन है,सभी को किसी न किसी की तालाश है,किसी के पास मंज़िल है तो राह नहीं,और किसी के पास राह...