तन्हा नहीं करते -काश शायरी
काश - तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को,किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते ।
काश शायरी
By Admin
October 31, 2021
काश - तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को,किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते ।
काश शायरी
काश... तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को,किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते । - काश शायरी
काश वो आ जायें( एडमिन द्वारा दिनाँक 21-10-2015 को प्रस्तुत )काश वो आ जायें और देख कर कहें मुझसे,हम मर गये हैं क्या? जो इतने उदास रहते हो। - काश शायरी
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए,साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए। काश शायरी
क़िस्मत में लिखा होता( एडमिन द्वारा दिनाँक 21-10-2015 को प्रस्तुत )उस की हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले,काश... उसको भी मेरी क़िस्मत में लिखा होता। - काश शायरी
काश कहीं से मिल जाते वो अल्फ़ाज़ हमें भी,जो तुझे बता सकते कि हम शायर कम तेरे आशिक ज्यादा हैं। काश शायरी
मिल जाते वो अल्फ़ाज़( अंकित वर्मा द्वारा दिनाँक 27-03-2016 को प्रस्तुत )काश कहीं से मिल जाते वो अल्फ़ाज़ हमें भी,जो तुझे बता सकते कि हम शायर कम तेरे आशिक ज्यादा हैं। - काश शायरी