तल्ख़ जवाबे वफ़ा -सैड शायरी
ऐसा तल्ख़ जवाबे-वफ़ा पहली ही दफा मिला,हम इस के बाद फिर कोई अरमां न कर सके।
सैड शायरी
By Admin
October 31, 2021
ऐसा तल्ख़ जवाबे-वफ़ा पहली ही दफा मिला,हम इस के बाद फिर कोई अरमां न कर सके।
सैड शायरी
रूप से अक्सर प्यार नहीं होता,मन चाहा सपना साकार नहीं होता,हर किसी पर न मर मिटना मेरे दोस्त,क्योंकि हर किसी के दिल में सच्चा प्यार नहीं होता। - सैड शायरी
मैं भी अंजान था दिल भी अंजान था,सीने में ख्वाहिशों का एक तूफ़ान था,हमने समझा जिसे अपने घर का रकीब,वो तो आया-गया एक मेहमान था। सैड शायरी
छूटा जो तेरा हाथ तो हम टूट के रोये,तुम जो ना रहे साथ तो हम टूट के रोये,चाहत की तमन्ना थी और ज़ख़्म दिए तुमने,पायी जो यह सौगात तो हम टूट के रोये। सैड शायरी
क्यों नहीं समझते( राकेश सिंह द्वारा दिनाँक 13-01-2018 को प्रस्तुत )उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है,वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को,क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है। -...
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे। सैड शायरी
पलकों को कभी( कुलदीप वत्स द्वारा दिनाँक 07-03-2015 को प्रस्तुत )पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो?और हम हैं...