तेरे काबिल नहीं रहे -इश्क़ शायरी
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश करऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।
इश्क़ शायरी
By Admin
October 31, 2021
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश करऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।
इश्क़ शायरी
इश्क़ का कहर( एडमिन द्वारा दिनाँक 03-11-2015 को प्रस्तुत )ये इश्क़ जिसके कहर से डरता है ज़माना,कमबख्त मेरे सब्र के टुकड़ों पे पला है । - इश्क़ शायरी
हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नहीं,औरबदनाम ऐसे हैं जैसे इश्क के बादशाह थे हम । - इश्क़ शायरी
मेरे इश्क़ की इन्तहा( एडमिन द्वारा दिनाँक 22-06-2016 को प्रस्तुत )वो मुझ तक आने की राह चाहता है,लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है,खुद आते जाते मौसमों की तरह है,और मेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता...
फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,मयख़ाने से कह दो दरवाज़ा खुला रखे।--------------------------------------अकेले हम ही शामिल नहीं इस जुर्म में जनाब,नजरें जब भी मिली थी मुस्कराये तुम भी थे।--------------------------------------लोग पूछते हैं कौन सी...
किताबों से दलील दूँया खुद को सामने रख दूँ - वो मुझ से पूछ बैठा हैमोहब्बत किस को कहते हैं ?? इश्क़ शायरी
जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले,दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले। - इश्क़ शायरी