न जाने क्यों लोग – शिक़वा शायरी
न जाने क्यों लोग अपना बना के सज़ा देते है,
जिंदगी छीन के... ज़िन्दगी की दुआ देते है ।- शिक़वा शायरी
By Admin
May 4, 2020
न जाने क्यों लोग अपना बना के सज़ा देते है,
जिंदगी छीन के... ज़िन्दगी की दुआ देते है ।- शिक़वा शायरी
जीना तो पडेगा फकत दुनियाँ को दिखाने के लिये,वरना - मैनें कब चाही थी उसके बगैर जिदंगी । शिक़वा शायरी
कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर - वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका । शिक़वा शायरी
किरदार की अज़मत को गिरने न दिया हमने,धोखे तो बहुत खाए लेकिन धोखा न दिया हमने। शिक़वा शायरी
मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजिये मुझे,पत्थर पे हूँ लकीर, मिटा दीजिये मुझे,हर रोज़ मुझसे ताज़ा शिकायत है आपको,मैं क्या हूँ, एक बार बता दीजिये मुझे। - शिक़वा शायरी
क्या गिला करें उनकी बातों का,क्या शिक़वा करें उन रातों से,कहें भला किसकी खता इसे हम,कोई खेल गया है मेरे जज्बातों से। शिक़वा शायरी
थोडी थोडी ही सही मगर बाते तो किया करो - चुपचाप रहती हो तो खफा खफा सी लगती हो। शिक़वा शायरी