प्यार का ये सिलसिला -हिंदी उर्दू ग़ज़ल
शुरू जो प्यार का ये सिलसिला नहीं होता,ये रोग दिल को हमारे लगा नहीं होता।
हिंदी उर्दू ग़ज़ल
By Admin
October 31, 2021
शुरू जो प्यार का ये सिलसिला नहीं होता,ये रोग दिल को हमारे लगा नहीं होता।
हिंदी उर्दू ग़ज़ल
जमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हातुम्हारे गम से दिल रोता रहा रातभर तन्हा । - हिंदी उर्दू ग़ज़ल
हमसफ़र नही जाना( एडमिन द्वारा दिनाँक 27-10-2015 को प्रस्तुत )बुझी नज़र तो करिश्मे भी रोज़ो शब के गये,कि अब तलक नहीं पलटे हैं लोग कब के गये।करेगा कौन तेरी बेवफ़ाइयों का गिला,यही है रस्मे-ज़माना तो...
झोंका हूँ हवाओं का( एडमिन द्वारा दिनाँक 09-03-2019 को प्रस्तुत )मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा,जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा।हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,ख़ाक में...
जिंदगी में दर्द सब( ओम नारायण द्वारा दिनाँक 02-04-2017 को प्रस्तुत )जिंदगी में दर्द सब सहते रहे,जो मिला था प्यार हम खोते रहे।नफरतों के बीच नाजुक दिल मेरा,तोड़ के वादे सभी चलते रहे।बढ रही बेचैनियां...
लोगों के दिल कहाँ, अब तो होंठ हँसा करते हैं,खुशियों की जगह अब, कोहराम बसा करते हैं! हिंदी उर्दू ग़ज़ल
रात भर तन्हा( एडमिन द्वारा दिनाँक 11-10-2015 को प्रस्तुत )जमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हातुम्हारे गम से दिल रोता रहा रातभर तन्हा ।मेरे हमदम तेरे आने की आहट अब नहीं मिलतीमगर नस-नस में...