बदली है अपनी आदत – सैड शायरी – सैड शायरी
बदली है अपनी आदत
जिससे लड़ता हूँ मै अब उस को मना लेता हूँ,
खूब बदली है तेरे बाद अपनी आदत मैंने।- सैड शायरी
By Admin
February 27, 2022
बदली है अपनी आदत
( एडमिन द्वारा दिनाँक 14-01-2019 को प्रस्तुत )
जिससे लड़ता हूँ मै अब उस को मना लेता हूँ,
खूब बदली है तेरे बाद अपनी आदत मैंने।- सैड शायरी
फिर से वो सपना सजाने चला हूँ,उमीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ,पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा,फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ। - सैड शायरी
मुझसे नजरें तो मिलाओ कि हजारों चेहरे,मेरी आँखों में सुलगते हैं सवालों की तरह,जुस्तजू ने किसी मंजिल पे ठहरने न दिया,हम भटकते रहे आवारा ख्यालों की तरह। सैड शायरी
समंदर के बीच क्यों फरेब( एडमिन द्वारा दिनाँक 14-10-2015 को प्रस्तुत )पल पल उसका साथ निभाते हम,एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम,समंदर के बीच में पहुँच क्यों फरेब किया उसने,वो कहता तो किनारे पर...
आइने में अक्सर जो अक्स नज़र आता है,खुद से लड़ता हुआ एक शख़्स नज़र आता है,वो किसी बात पे खुद से खफा लगता है,नाकाम मोहब्बत का नक्श नजर आता है। सैड शायरी
दिल में आया था वो( प्रियंका शर्मा द्वारा दिनाँक 19-06-2015 को प्रस्तुत )दिल में आया था वोबहुत से रास्तों से ।जाने का रास्ता न मिलातो दिल ही तोड़ दिया । - सैड शायरी
कह कर हम रो पड़े( एडमिन द्वारा दिनाँक 16-10-2015 को प्रस्तुत )पूछा था हाल उन्होंने मेरा बड़ी मुद्दतों के बाद...कुछ गिर गया है आँख में कह कर हम रो पड़े l - सैड शायरी