बस एक दिखा दो -दो लाइन शायरी
दो-चार नहीं मुझको - बस एक दिखा दो,वो शख़्स जो बाहर से भी अन्दर की तरह हो।
दो लाइन शायरी
By Admin
October 31, 2021
दो-चार नहीं मुझको - बस एक दिखा दो,वो शख़्स जो बाहर से भी अन्दर की तरह हो।
दो लाइन शायरी
शौक-ए-सफ़र कहाँ से कहाँ ले गया हमें,हम जिस को छोड़ आये हैं मंजिल वही तो थी। - दो लाइन शायरी
ज़ार-ज़ार रोई आँखें ठहर गई दिल की धड़कन,मेरे अपनों में मेरी औकात का मंज़र देखकर। - दो लाइन शायरी
कई आँखों में रहती है कई बांहें बदलती है,मुहब्बत भी सियासत की तरह राहें बदलती है। दो लाइन शायरी
यकीन नहीं होता फिर भी कर ही लेता हूँ,जहाँ इतने हुए एक और फरेब हो जाने दो । - दो लाइन शायरी
फैज़ की दो लाईन हिंदी शायरी( एडमिन द्वारा दिनाँक 09-01-2016 को प्रस्तुत )दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं,जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैं।--------------------------------------तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते...
तेरी यादें भी मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं,तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ - । दो लाइन शायरी