बाप की मार से -फनी शायरी
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से,बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
फनी शायरी
By Admin
October 31, 2021
ना तलवार की धार से ना गोलियों की बौछार से,बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से।
फनी शायरी
हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर,हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है । फनी शायरी
दिल दो किसी एक को और वो भी किसी नेक को,मंदिर का प्रसाद नहीं... जो बांट दो हर एक को। - फनी शायरी
तेरा प्यार भी हजार की नोट जैसा है,डर लगता है कहीं नकली तो नहीं । फनी शायरी
रहता है इबादत में हमें मौत का खटका,हम याद ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद। - फनी शायरी
अंधकार के घोर तिमिर में हॅसने के बाद रुलाती है,तन्हाई और गम है साथ ये जिंदगी भी तड़पाती है,मेरी हालत भी मुझसे जलती और रूठ जाती है,जब आइंस्टीन और न्यूटन संग याद तुम्हारी आती है।...