बेनाम सा यह दर्द -दर्द शायरी
बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता,वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में,जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता।
दर्द शायरी
बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता,वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में,जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता।
दर्द शायरी