मत पूछ इस जिंदगी में -जिंदगी शायरी
बेगाने होते लोग देखे,अजनबी होता शहर देखाहर इंसान को यहाँ,मैंने खुद से ही बेखबर देखा।
जिंदगी शायरी
By Admin
October 31, 2021
बेगाने होते लोग देखे,अजनबी होता शहर देखाहर इंसान को यहाँ,मैंने खुद से ही बेखबर देखा।
जिंदगी शायरी
खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,ज़रा सी बात देर तक रूलाती रही, - जिंदगी शायरी
जब रूह किसी बोझ से थक जाती है,एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है,मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन,ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती है। - जिंदगी शायरी
शायद यही ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,हर एक शख्स किसी का गुलाम होता है,कोई ढूढ़ता है ज़िंदगी भर मंज़िलों को,कोई पाकर मंज़िलों को भी बेमुकाम होता है। जिंदगी शायरी
ज़िन्दगी की तरफ( एडमिन द्वारा दिनाँक 01-11-2017 को प्रस्तुत )जब रूह किसी बोझ से थक जाती है,एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है,मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन,ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती...
समझ जाता हूँ मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब को,ज़िन्दगी तुझे समझने लगा हूँ आहिस्ता आहिस्ता। जिंदगी शायरी
शुक्रिया ज़िन्दगी - जीने का हुनर सिखा दिया,कैसे बदलते हैं लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया। जिंदगी शायरी