मिले भी तो क्या मिले -तन्हाई शायरी
हम मिले भी तो क्या मिलेवही दूरियाँ वही फ़ासले,न कभी हमारे कदम बढ़ेन कभी तुम्हारी झिझक गई।
तन्हाई शायरी
By Admin
October 31, 2021
हम मिले भी तो क्या मिलेवही दूरियाँ वही फ़ासले,न कभी हमारे कदम बढ़ेन कभी तुम्हारी झिझक गई।
तन्हाई शायरी
और क्या लिखूं... अपनी जिन्दगी के बारे में,जो जिन्दगी हुआ करते थे वो ही बिछड़ गये। - तन्हाई शायरी
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,तुम भी जो होते तो अच्छा होता। - तन्हाई शायरी
मिले भी तो क्या मिले( एडमिन द्वारा दिनाँक 06-08-2017 को प्रस्तुत )हम मिले भी तो क्या मिलेवही दूरियाँ वही फ़ासले,न कभी हमारे कदम बढ़ेन कभी तुम्हारी झिझक गई। - तन्हाई शायरी
उसके दिल में थोड़ी सी( एडमिन द्वारा दिनाँक 09-06-2015 को प्रस्तुत )उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थीमुसाफिरों की तरह,उसने तन्हाईयों का एक शहरमेरे नाम कर दिया। - तन्हाई शायरी
तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,रातों को जागते रहे और दिन को सो गए। - तन्हाई शायरी
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थीमुसाफिरों की तरह,उसने तन्हाईयों का एक शहरमेरे नाम कर दिया। तन्हाई शायरी