मुझसे इतनी नफरत -नफरत शायरी
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।
नफरत शायरी
By Admin
October 31, 2021
चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।
नफरत शायरी
जो हमसे नफरत( जय के अनजान द्वारा दिनाँक 28-11-2016 को प्रस्तुत )खुदा सलामत रखना उन्हें,जो हमसे नफरत करते हैं,प्यार न सही नफरत ही सही,कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं। - नफरत शायरी
गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम सेनफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम सेहम वह नहीं जो मोहब्बत में रो कर केजिंदगी को गुजार दे...अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाएतो उसे भी...
नफरत थी मुझसे तो इज़हार क्यों किया,देना था ज़हर मुझको तो प्यार क्यों किया,ज़हर दे के कहते हो पीना ही होगा,पी गया तो कहते हो अब जीना ही होगा। नफरत शायरी
गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम सेनफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम सेहम वह नहीं जो मोहब्बत में रो कर केजिंदगी को गुजार दे - अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाएतो...
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जानानफरत बता रही है - तूने मोहब्बत गज़ब की की थी। नफरत शायरी
नफरत वालों का प्यार( एडमिन द्वारा दिनाँक 24-10-2015 को प्रस्तुत )नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं । - नफरत शायरी