मेरी इन बाहों में आकर -रोमांटिक शायरी
जब कभी सिमटोगे तुम - मेरी इन बाहों में आकर,मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
रोमांटिक शायरी
By Admin
October 31, 2021
जब कभी सिमटोगे तुम - मेरी इन बाहों में आकर,मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
रोमांटिक शायरी
बारिश की तरह कोई बरसता रहे मुझ पर,मिट्टी की तरह मैं भी महकती चली जाऊं। रोमांटिक शायरी
मेरी इन बाहों में आकर( प्रिंस पंडित द्वारा दिनाँक 16-04-2017 को प्रस्तुत )जब कभी सिमटोगे तुम... मेरी इन बाहों में आकर,मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी। - रोमांटिक शायरी
तुझसे हारूं तो जीत जाता हूँ,तेरी खुशियाँ अज़ीज हैं इतनी। - रोमांटिक शायरी
खुशबू की तरह मेरी हर साँस में,प्यार अपना बसाने का वादा करो,रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं,मेरे दिल में सजाने का वादा करो। - रोमांटिक शायरी
जो तू है प्यार का बादल तो बार-बार बरस,न भीग पाउँगा मैं तेरे एक नज़ारे से। - रोमांटिक शायरी
इश्क़ है या इबादत...अब कुछ समझ नहीं आता,एक खूबसूरत ख्याल हो तुमजो दिल से नहीं जाता। - रोमांटिक शायरी