मेरी दर्द भरी रातें -दर्द शायरी
सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।
दर्द शायरी
सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।
दर्द शायरी