मैं जो रोया -दर्द शायरी
एक फ़साना सुन गए एक कह गए,हम जो रोये तो मुस्कुराकर रह गए।
दर्द शायरी
By Admin
October 31, 2021
एक फ़साना सुन गए एक कह गए,हम जो रोये तो मुस्कुराकर रह गए।
दर्द शायरी
किस्सा तमाम कर दिया( दिवाकर शर्मा नादान द्वारा दिनाँक 10-01-2018 को प्रस्तुत )दिन को रात और सुबह को शाम कर लिया,तेरी आशिक़ी ने किस्सा यूँ तमाम कर दिया।पढ़ने में हाथ तंग तो हमेशा से रहा...
अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ,तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ,डरती हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए,वरना तेरे हर दर्द की कहानी मेरा हर ख्वाब लिख दूँ। - दर्द शायरी
यूँ तो हमेशा के लिए यहाँ आता नहीं कोई,पर आप जिस तरह से गए वैसे जाता नहीं कोई। दर्द शायरी
दर्द को छुपाए बैठा रहा,आंखों की नमी को छुपाए बैठा रहा,उम्मीद टूटी नहीं है अभी भी,तेरे लौट आने की खुशी में बैठा रहा। - दर्द शायरी
कागज की कश्ती से पार जाने की ना सोच,उड़ते हुए तूफानों को हाथ लगाने की ना सोच,ये मोहब्बत बड़ी बेदर्द है इससे खेल ना कर,मुनासिब हो जहाँ तक दिल बचाने की सोच। - दर्द शायरी
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,मैंने दर्द की अपने नुमाईश न कीजब जहाँ जो मिला अपना लिया,जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की। दर्द शायरी