मौसम यूँ रो पड़ेगा -मौसम शायरी
हमें क्या पता था,ये मौसम यूँ रो पड़ेगा;हमने तो आसमां को बसअपनी दास्ताँ सुनाई है ।
मौसम शायरी
By Admin
October 31, 2021
हमें क्या पता था,ये मौसम यूँ रो पड़ेगा;हमने तो आसमां को बसअपनी दास्ताँ सुनाई है ।
मौसम शायरी
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे। - मौसम शायरी
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी। मौसम शायरी
बादलों ने बहुत बारिश बरसाई,तेरी याद आई पर तू ना आई,सर्द रातों में उठ -उठ कर,हमने तुझे आवाज़ लगाई,तेरी याद आई पर तू ना आई,भीगी -भीगी हवाओ में,तेरी ख़ुशबू है समाई,तेरी याद आई पर तू...
मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं घर से आजकल, वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का । - मौसम शायरी
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी। - मौसम शायरी