रग-रग में समा कर -लव शायरी
रग-रग में इस तरह से समा कर चले गये,जैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गये,आये थे मेरे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते,इक आग सी वो और लगा कर चले गये।
लव शायरी
By Admin
October 31, 2021
रग-रग में इस तरह से समा कर चले गये,जैसे मुझ ही को मुझसे चुराकर चले गये,आये थे मेरे दिल की प्यास बुझाने के वास्ते,इक आग सी वो और लगा कर चले गये।
लव शायरी
महकती हैं वो ग़ज़ल( एडमिन द्वारा दिनाँक 07-01-2019 को प्रस्तुत )तुम्हारी खुशबू से महकती हैं वो ग़ज़ल भी,जिसमें लिखता हूँ मैं कि तुम्हें भूल गया हूँ। - लव शायरी
मेरी ये बेचैनियाँ... और उन का कहना नाज़ से,हँस के तुम से बोल तो लेते हैं और हम क्या करें। - लव शायरी
तेरी आँखों में जब से मैंनेअपना अक्स देखा है,मेरे चेहरे को कोई आइनाअच्छा नहीं लगता। लव शायरी
ऊपर से गुस्सा दिल से प्यार करते हो,नज़रें चुराते हो दिल बेक़रार करते हो,लाख़ छुपाओ दुनिया से मुझको ख़बर है,तुम मुझे ख़ुद से भी ज्यादा प्यार करते हो। - लव शायरी
आदत बदल दूँ कैसे तेरे इंतज़ार की,ये बात अब नहीं मेरे इख़्तियार की,देखा नहीं तुझको फिर भी याद कर लिया,ऐसी बसी है खुशबू दिल में तेरे प्यार की। लव शायरी
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते,दिल से तुमको कैसे भुला पाते,काश तुम आईने में बसे होते,खुद को देखते तो तुम नजर आते। - लव शायरी