सजदों में सिसकता देखो -जुदाई शायरी
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
जुदाई शायरी
By Admin
October 31, 2021
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
जुदाई शायरी
जुदाई याद आ गई( एडमिन द्वारा दिनाँक 21-09-2018 को प्रस्तुत )फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गई,ग़म भी आया साथ में रुसवाई आ गई,इन सबसे मिलने आँख में आँसू भी आ गए,जब याद मेरे...
सजदों में सिसकता देखो( एडमिन द्वारा दिनाँक 11-07-2015 को प्रस्तुत )आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,आओ कभी मुझे...
हम तुमसे जुदा रहे( राहुल कवरेती द्वारा दिनाँक 14-02-2018 को प्रस्तुत )इस बे-फरेब प्यार के रस्ते में चन्द रोज,अगर हम तुम्हारे साथ रहे भी तो क्या रहे,कुछ ऐसे मोड़ आये मोहब्बत की राह में,हम बदनसीब...
जुदाई इश्क़ का दस्तूर क्यूँ है हम नहीं समझे,मोहब्बत इस क़दर मजबूर क्यूँ है हम नहीं समझे। जुदाई शायरी
फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गई,ग़म भी आया साथ में रुसवाई आ गई,इन सबसे मिलने आँख में आँसू भी आ गए,जब याद मेरे दिल को तेरी जुदाई आ गई। जुदाई शायरी
मेरी जुदाई में वो मिलकर नहीं गया,उसके बगैर मैं भी कोई मर नहीं गया। - जुदाई शायरी