होठों से छू कर -तारीफ़ शायरी
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसनेमछलियों को भी शराबी कर दिया।
तारीफ़ शायरी
By Admin
October 31, 2021
उसने होठों से छू करदरिया का पानी गुलाबी कर दिया,हमारी तो बात और थी उसनेमछलियों को भी शराबी कर दिया।
तारीफ़ शायरी
नशीली आँखों से वो( रमन सिंह द्वारा दिनाँक 11-02-2015 को प्रस्तुत )नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं,कौन मिलाये उन आँखों से आँखें,सुना है वो आँखों से अपना...
आँखें तेरी हैं जाम की तरह,एक बार देखूं तो नशा छा जाये,होंठ तेरे जैसे खिलते कँवल,बोले तो हर चीज़ महक जाये,बाल हैं तेरे नागिन जैसे,जैसे आसमान पे काली घटा छाए,गालों पे वो गुलाब की सुर्खी,मुझ...
एक तिल का पहरा( एडमिन द्वारा दिनाँक 21-01-2019 को प्रस्तुत )एक तिल का पहरा भी जरूरी है,लबों के आसपास,डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,कोई नज़र न लगा दे। - तारीफ़ शायरी
तेरी आँखें देखकर( एडमिन द्वारा दिनाँक 05-07-2016 को प्रस्तुत )उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब। - तारीफ़ शायरी
चाल मस्त, नजर मस्त, अदा में मस्ती,जब वह आते हैं लूटे हुए मैखाने को। - तारीफ़ शायरी
एक तो हुस्न कयामत( एडमिन द्वारा दिनाँक 13-02-2019 को प्रस्तुत )हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना। - तारीफ़ शायरी