ग़म छुपाकर हँसने वाले -ग़म शायरी
आँसुओं से जिनकी आँखें नम नहीं,क्या समझते हो कि उन्हें कोई गम नहीं?तड़प कर रो दिए गर तुम तो क्या हुआ,गम छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं।
ग़म शायरी
By Admin
October 31, 2021
आँसुओं से जिनकी आँखें नम नहीं,क्या समझते हो कि उन्हें कोई गम नहीं?तड़प कर रो दिए गर तुम तो क्या हुआ,गम छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं।
ग़म शायरी
तुमने भी हमें बस एक दीये की तरह समझा,रात हुई तो जला दिया सुबह हुई तो बुझा दिया। - ग़म शायरी
गम की आतिशबाजी( एडमिन द्वारा दिनाँक 30-11-2016 को प्रस्तुत )फिर तेरा चर्चा हुआ, आँखें हमारी नम हुई,धड़कनें फिर बढ़ गई, साँस फिर बेदम हुई,चाँदनी की रात थी, तारों का पहरा भी था,इसीलिये शायद गम की...
कोई गम नहीं( प्रदीप सिंह द्वारा दिनाँक 05-04-2016 को प्रस्तुत )और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा,मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा,यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार,प्यार में सब कुछ...
एक हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,मगर चल पड़ी आँधियां जमाने की,मेरा ग़म तो कोई ना समझ पाया,क्यूंकि मेरी आदत थी सबको हँसाने की। - ग़म शायरी
जीने का मतलब मैंने मोहब्बत में पा लिया,जिसका भी ग़म मिला उसे अपना बना लिया,आप रोकर भी ग़म न हल्का कर सके,मैंने हँसी की आढ़ में हर ग़म छुपा लिया। ग़म शायरी
अकेला हो गया हूँ इस ज़माने में,इसलिए डरता हूँ सच बताने में,ग़म छुपाने की जरुरत अब नहीं पड़ती,क्यूँ माहिर हो गया हूँ मुस्कुराने में। ग़म शायरी