ख्वाब मेरी मौत का
( संजीव शुक्ल द्वारा दिनाँक 15-12-2018 को प्रस्तुत )
कल रात भर मुझे हिचकियाँ आती रहीं,ख्वाब मेरी मौत का उनको भी आया होगा।
– मौत शायरी
ख्वाब मेरी मौत का
( संजीव शुक्ल द्वारा दिनाँक 15-12-2018 को प्रस्तुत )
कल रात भर मुझे हिचकियाँ आती रहीं,ख्वाब मेरी मौत का उनको भी आया होगा।
– मौत शायरी
मौत आ जाये
( एडमिन द्वारा दिनाँक 26-11-2017 को प्रस्तुत )
सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है,हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता।
– मौत शायरी
एक कब्र नई होगी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 13-11-2017 को प्रस्तुत )
ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ,एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
– मौत शायरी
मौत को बदनाम
( जीतू कलसरा द्वारा दिनाँक 20-08-2017 को प्रस्तुत )
मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग,तकलीफ तो साली ज़िन्दगी देती है!!
– मौत शायरी