रूठने का अंदाज शायरी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 15-12-2015 को प्रस्तुत )
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी।
– शिक़वा शायरी
रूठने का अंदाज शायरी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 15-12-2015 को प्रस्तुत )
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा,तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे वजूद को तरसेगी।
– शिक़वा शायरी
अधूरी हसरत शायरी
( प्रीत द्वारा दिनाँक 16-12-2015 को प्रस्तुत )
अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।
– शिक़वा शायरी
फिर मोहब्बत कैसी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 03-12-2015 को प्रस्तुत )
मुझसे बात ना करके वो खुश हैतो फिर शिकायत कैसी,
और मैं उसे खुश भी ना देख पाऊंतो फिर मोहब्बत कैसी।
– शिक़वा शायरी
उनकी मर्जी का इंतज़ार
( एडमिन द्वारा दिनाँक 03-12-2015 को प्रस्तुत )
उनकी मर्जी हो तो बात करते हैं और एक हम हैंजो पूरे दिन उनकी मर्जी का ही इंतज़ार करते है ।
– शिक़वा शायरी