मोहब्बत की सजा शायरी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 15-12-2015 को प्रस्तुत )
दुनिया में कहाँ वफा का सिला देते हैं लोग,अब तो मोहब्बत की सजा देते हैं लोग,पहले सजाते हैं दिलो में चाहतों का ख्वाब,फिर ऐतबार को ही आग लगा देते हैं लोग।
– सैड शायरी
मोहब्बत की सजा शायरी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 15-12-2015 को प्रस्तुत )
दुनिया में कहाँ वफा का सिला देते हैं लोग,अब तो मोहब्बत की सजा देते हैं लोग,पहले सजाते हैं दिलो में चाहतों का ख्वाब,फिर ऐतबार को ही आग लगा देते हैं लोग।
– सैड शायरी
बरबाद मोहब्बत शायरी
( एडमिन द्वारा दिनाँक 22-12-2015 को प्रस्तुत )
बरबाद कर देती है मोहब्बतहर मोहब्बत करने वाले को,क्यूँकि इश्क़ हार नहीं मानताऔर दिल बात नहीं मानता।
– सैड शायरी
लोग बदल जाते हैं
( प्रीत द्वारा दिनाँक 16-12-2015 को प्रस्तुत )
मुझे भी पता था किलोग बदल जाते हैं अक्सर,मगर मैंने कभी तुम्हें लोगों मेंगिना भी तो नहीं था।
– सैड शायरी
मुझे यकीन है मोहब्बत
( एडमिन द्वारा दिनाँक 30-11-2015 को प्रस्तुत )
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
– सैड शायरी